मैं, मैं हूं ।।
मैं, मैं हूं ।। मैं,मैं हूं तो, दूसरा क्यों बनूं। गांधी, गांधी थे, मैं क्यों बनूं। क्राइस्ट, क्राइस्ट थे, मैं क्यों बनूं। राम, राम थे, मैं क्यों बनूं। बुद्ध, बुद्ध थे, मैं क्यों बनूं। बुद्ध,राम होना चाहते, तो बुद्ध नहीं हो पाते। गांधी, बुद्ध, क्राइस्ट, राम, सब वह थे। हम क्यों बने। मैं अपने में हूं, दूसरों में क्या पाऊं। मुझ में मेरा स्वरूप है, मैं दूसरा क्यों बनूं। सब अपने में कुछ है, दूसरे क्यों बने। दूसरे जैसा बना, तो 'मैं' खो जाऊंगा। N.S ✍🏻