"शेयर बाजार का चार्ट जीवन पर चरितार्थ"
जिस तरह शेयर बाजार में चार्ट चलता है उसी तरह हमारे जीवन का भी एक चार्ट चलता है। शेयर बाजार में अलग-अलग प्रकार के सेक्टर पाए जाते हैं, जैसे - IT Sector, Auto Sector, Banking Sector, FMCG Sector आदि। इन सभी सेक्टर में से कुछ प्रमुख कंपनियों को चुनकर एक इंडेक्स बनाया जाता है। जिस तरह Nifty50 index और sensex index हैं। यह इंडेक्स दर्शाता है कि देश की कंपनियां किस तरह प्रदर्शन कर रही है। इसी प्रकार हमारे जीवन में भी व्यवहारिक सेक्टर, चारित्रिक सेक्टर, शिक्षा का सेक्टर और बिजनेस का सेक्टर। इन सभी सेक्टर से हमारे कार्य करने के कुछ तरीकों से एक इंडेक्स बन जाता है। इसी तरह हमारे इंडेक्स का चार्ट हमारे जीवन को दर्शाता है। इसे यह ज्ञात होता है कि हम हमारे जीवन में सामाजिक रूप से प्रॉफिट में है या लॉस में हैं। अगर सही तरीके से हम हमारे इंडेक्स के चार्ट का विश्लेषण करें तो हमें पता चल जाता है कि हम लॉस में है या प्रॉफिट में है। अगर हम लॉस में हैं, हमारी वैल्यू गिरती जा रही है तो हमारे मैनेजमेंट में थोड़ा सुधार करना चाहिए। हमारे जीवन में MD यानी अवचेतन मन और CEO यानी चेतन मन को सही निर्देश की जरूरत है। जिसे हमारी जीवन की वैल्यू नई ऊंचाइयों पर पहुंचे। शेयर बाजार में भी जिस कंपनी की वैल्यू गिर जाती है, निवेशक उसमें निवेश करने से डरते हैं। उसी तरह हमारी वैल्यू भी गिर जाने पर लोग हम पर भरोसा करने से डरते हैं।
एक निवेशक के रूप में जिस तरह शेयर बाजार में स्टॉपलॉस (Stop loss) लगाया जाता है उसी तरह हमें चिंता पर, अपने व्यवहार के खराब प्रदर्शन पर स्टॉपलॉस (Stop loss) जरूर लगाना चाहिए।
जिस तरह कंपनियां सालाना अपना रिजल्ट या नतीजा पेश करती है उसी तरह हमारी जीवन रूपी कंपनी भी नतीजा या रिजल्ट पेश करने में बिल्कुल भी संकोच नहीं करती है। हम क्या करते हैं कि हम अपने जीवन की 75% हिस्सेदारी या शेयर अपने पास रखते हैं, बाकी का 25% हिस्सा रिश्तेदारों और अन्य लोगों में बांट देते हैं। तभी तो हम इस दुनिया में लिस्टेड है। 25% हमारे जीवन को रिश्तेदार या अन्य लोग कंट्रोल करते हैं। लेकिन हमें हमारी 75% की हिस्सेदारी का सही उपयोग करते हुए उपदेश सबसे लेना आदेश अपने से लेने की नीति के ऊपर काम करना चाहिए।
Narayan Suthar ✍️
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